गर्भावस्था एक महिला के जीवन का बहुत ही खास समय होता है। लेकिन कई बार यह खुशी अधूरी रह जाती है, जब किसी कारणवश गर्भपात हो जाता है। गर्भपात यानी मिसकैरेज तब होता है जब गर्भ में पल रहा शिशु 20 हफ्ते से पहले ही नष्ट हो जाता है। यह एक भावनात्मक रूप से बहुत ही कठिन अनुभव होता है। इस लेख में हम जानेंगे कि गर्भपात क्यों होता है, इसके क्या लक्षण होते हैं और इसका इलाज कैसे किया जाता है। साथ ही जानेंगे कि अगर आपको कोई परेशानी हो रही है, तो आपको किस अस्पताल में जाना चाहिए।
गर्भपात क्या होता है?
गर्भपात (Miscarriage) का मतलब है गर्भ के शुरुआती 20 हफ्तों में गर्भ का टूट जाना या शिशु का विकसित ना हो पाना। यह गर्भधारण के शुरुआती 12 हफ्तों में सबसे ज्यादा होता है और इसे “Early Miscarriage” कहा जाता है।
गर्भपात के कारण (Causes of Miscarriage)
गर्भपात कई कारणों से हो सकता है। इनमें से कुछ कारण महिला के शरीर से जुड़े होते हैं तो कुछ भ्रूण के विकास से। आइए जानते हैं कुछ आम कारण –
- क्रोमोसोम की गड़बड़ी
भ्रूण में अनुवांशिक गड़बड़ी होने से उसका सही विकास नहीं हो पाता और गर्भपात हो सकता है। - हार्मोनल समस्या
अगर थायरॉइड या प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन में असंतुलन हो, तो यह गर्भधारण में मुश्किल पैदा कर सकता है। - बच्चेदानी में गड़बड़ी
गर्भाशय (Uterus) का आकार असामान्य होना या उसमें गांठें (Fibroids) होना गर्भपात की वजह बन सकता है। - इंफेक्शन
शरीर में वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण होने पर भ्रूण को नुकसान पहुँच सकता है। - डायबिटीज या हाई बीपी
अनकंट्रोल शुगर लेवल और ब्लड प्रेशर भी गर्भपात की संभावना को बढ़ा देते हैं। - धूम्रपान, शराब या ड्रग्स का सेवन
इन चीजों का सेवन गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत खतरनाक हो सकता है और मिसकैरेज की वजह बन सकता है। - मोटापा या अधिक वजन
अधिक वजन होने से शरीर में हार्मोन का संतुलन बिगड़ सकता है जिससे भ्रूण पर असर पड़ता है। - मानसिक तनाव
लगातार तनाव और चिंता गर्भावस्था को प्रभावित कर सकती है।
गर्भपात के लक्षण (Symptoms of Miscarriage)
अगर आप गर्भवती हैं तो नीचे दिए गए लक्षणों पर ध्यान दें। ये मिसकैरेज के संकेत हो सकते हैं –
- योनि से खून आना (हल्का या तेज़)
- पेट या पीठ के निचले हिस्से में तेज़ दर्द
- भूरे रंग का डिस्चार्ज
- गर्भावस्था के लक्षणों जैसे उल्टी, जी मिचलाना आदि का अचानक बंद हो जाना
- थकान और कमजोरी
इन लक्षणों में से कोई भी नजर आए, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
गर्भपात का इलाज (Treatment of Miscarriage)
गर्भपात के इलाज का तरीका इस बात पर निर्भर करता है कि भ्रूण पूरी तरह बाहर आया है या नहीं और महिला की सेहत कैसी है। इलाज के मुख्य तरीके नीचे दिए गए हैं –
- प्राकृतिक रूप से गर्भ का खाली होना
कई बार शरीर खुद ही भ्रूण को बाहर निकाल देता है और सर्जरी की ज़रूरत नहीं पड़ती। - दवाइयों के माध्यम से
अगर भ्रूण खुद बाहर नहीं आया है तो डॉक्टर कुछ दवाइयाँ देते हैं जिससे गर्भाशय साफ हो सके। - सर्जरी (D&C प्रक्रिया)
यह प्रक्रिया तब अपनाई जाती है जब दवा से भी गर्भाशय पूरी तरह साफ न हो। इसमें डॉक्टर ऑपरेशन के ज़रिए गर्भाशय को साफ करते हैं।
इन सभी इलाज के दौरान महिला की सेहत पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
गर्भपात के बाद देखभाल (Post-Miscarriage Care)
गर्भपात के बाद शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की देखभाल जरूरी होती है –
- शरीर को भरपूर आराम दें
- पौष्टिक खाना खाएं, खासकर आयरन और कैल्शियम से भरपूर आहार
- ज़रूरत हो तो काउंसलिंग लें
- अगली बार गर्भधारण करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें
- अपने पार्टनर और परिवार से भावनात्मक सहयोग लें
गर्भपात से कैसे बचें?
हालांकि हर मिसकैरेज को रोका नहीं जा सकता, लेकिन कुछ सावधानियाँ अपनाकर खतरे को कम किया जा सकता है –
- गर्भधारण से पहले स्वास्थ्य की जांच कराएं
- धूम्रपान, शराब और नशे से दूर रहें
- तनाव से बचें और खुद को खुश रखें
- संतुलित आहार लें और वजन नियंत्रित रखें
- नियमित रूप से डॉक्टर से चेकअप कराएं
- ज़रूरत हो तो सप्लीमेंट लें (जैसे फोलिक एसिड)
कहां कराएं सही इलाज?
अगर आप गर्भावस्था के दौरान किसी भी तरह की परेशानी महसूस कर रही हैं या गर्भपात से जुड़ी कोई समस्या है, तो तुरंत किसी विशेषज्ञ डॉक्टर से संपर्क करें।
चिरायु हॉस्पिटल (Chirayu Hospital), जयपुर में अनुभवी स्त्री रोग विशेषज्ञ उपलब्ध हैं जो इस तरह की समस्याओं में महिलाओं का इलाज और मार्गदर्शन करते हैं। यह अस्पताल गर्भावस्था से जुड़ी हर परेशानी को ध्यान से समझता है और उचित इलाज प्रदान करता है।
Best Gynecology Hospital in Jaipur में से एक चिरायु हॉस्पिटल आधुनिक तकनीक और अनुभवी डॉक्टरों के साथ गर्भपात की स्थिति को संभालने में सक्षम है।
निष्कर्ष
गर्भपात एक दर्दनाक अनुभव हो सकता है, लेकिन सही समय पर इलाज और मानसिक सहयोग से महिला फिर से स्वस्थ जीवन शुरू कर सकती है। ज़रूरी है कि आप अपने शरीर के संकेतों को समझें और लापरवाही न बरतें।
अगर आपको कोई परेशानी हो तो Best Gynecology Hospital in Jaipur जैसे चिरायु हॉस्पिटल से संपर्क करें और विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह लें। ध्यान रखें, देखभाल और समझदारी से ही एक सुरक्षित और स्वस्थ गर्भावस्था संभव है।