आज के डिजिटल युग में हमारी जिंदगी का अधिकांश समय मोबाइल, कंप्यूटर, लैपटॉप और टीवी स्क्रीन के सामने बीतता है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, हर कोई स्क्रीन के संपर्क में है। लंबे समय तक स्क्रीन देखने से आंखों पर दबाव बढ़ता है और इससे कई समस्याएँ हो सकती हैं। इसलिए यह जानना जरूरी है कि कैसे अपनी आंखों की देखभाल करें और स्क्रीन टाइम से होने वाले नुकसान से बचें।
स्क्रीन टाइम और आंखों पर असर
जब हम लगातार स्क्रीन देखते हैं, तो हमारी आंखों की मांसपेशियाँ थक जाती हैं। इससे कई समस्याएँ हो सकती हैं:
- आंखों में थकान और दर्द
- सूखी आंखें (Dry Eyes)
- धुंधला दिखाई देना
- सिरदर्द
- नींद में परेशानी
विशेष रूप से बच्चों में लगातार ऑनलाइन क्लासेस या गेमिंग के कारण आंखों की रोशनी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा वयस्क भी ऑफिस और घर दोनों जगह लंबे समय तक स्क्रीन पर काम करते हैं, जिससे आंखों की थकान बढ़ जाती है। इसलिए स्क्रीन टाइम को नियंत्रित करना बहुत जरूरी है।
स्क्रीन टाइम से बचने के आसान उपाय
1. 20-20-20 नियम अपनाएँ
यह सबसे सरल और असरदार तरीका है। हर 20 मिनट में स्क्रीन से नजर हटा कर किसी 20 फीट दूर की चीज़ को कम से कम 20 सेकंड तक देखें। यह आपकी आंखों की मांसपेशियों को आराम देता है और थकान को कम करता है।
2. पलकें नियमित रूप से झपकाएँ
स्क्रीन देखते समय लोग आमतौर पर कम पलक झपकाते हैं। इससे आंखें सूखी हो सकती हैं। इसलिए हर 15–20 मिनट में जानबूझ कर आंखों को पूरी तरह बंद कर के या धीरे-धीरे पलक झपकाएँ।
3. स्क्रीन की दूरी और ऊंचाई सही रखें
- कंप्यूटर स्क्रीन को आंखों के सामने और लगभग 20–24 इंच की दूरी पर रखें।
- स्क्रीन की ऊँचाई आंखों के समान स्तर या थोड़ी नीची होनी चाहिए।
- मोबाइल या टैबलेट को बहुत नीचे झुक कर न देखें।
4.रोशनी का ध्यान रखें
- स्क्रीन और कमरे की रोशनी में संतुलन होना चाहिए।
- बहुत ज्यादा चमक या बहुत कम रोशनी दोनों आंखों के लिए हानिकारक हैं।
- एंटी-ग्लेयर स्क्रीन प्रोटेक्टर का इस्तेमाल किया जा सकता है।
5. स्क्रीन टाइम की सीमा तय करें
- बच्चों के लिए स्क्रीन टाइम को दिन में 1–2 घंटे तक सीमित करें।
- वयस्क भी लगातार 2–3 घंटे से ज्यादा स्क्रीन न देखें।
- काम के दौरान हर 1–2 घंटे में छोटे ब्रेक लें।
6. सही खान-पान
आंखों की सेहत के लिए सही पोषण बहुत जरूरी है।
- विटामिन A और C युक्त चीज़ें जैसे गाजर, पालक, आम और संतरा खाएँ।
- ओमेगा-3 फैटी एसिड वाली चीज़ें जैसे अलसी के बीज, अखरोट और मछली खाएँ।
- पर्याप्त पानी पीएँ ताकि आंखें हाइड्रेटेड रहें।
7. नियमित आंखों की जाँच
स्क्रीन टाइम बढ़ने के कारण आंखों में समस्या जल्दी हो सकती है। इसलिए कम से कम 6 महीने में एक बार आंखों की जांच कराएँ। जयपुर में आप best eye doctor in Jaipur से समय पर सलाह लेकर अपनी आंखों का स्वास्थ्य सुनिश्चित कर सकते हैं।
बच्चों की आंखों की विशेष देखभाल
बच्चों में ऑनलाइन क्लासेस और मोबाइल गेमिंग के कारण आंखों पर अधिक दबाव पड़ता है। माता-पिता के लिए कुछ जरूरी टिप्स:
- बच्चों के लिए स्क्रीन टाइम को नियंत्रित करें।
- बच्चों को बाहर खेलना और प्राकृतिक रोशनी में समय बिताना सिखाएँ।
- आंखों की जांच नियमित रूप से कराएँ।
- यदि बच्चा बार-बार आंख मिचकाता है या आंखें लाल हो रही हैं, तो तुरंत विशेषज्ञ की सलाह लें।
- बच्चों के लिए स्क्रीन टाइम के दौरान फ्रिक्वेंट ब्रेक देना बहुत जरूरी है। हर 30–40 मिनट के बाद उन्हें 5–10 मिनट का ब्रेक दें।
स्क्रीन टाइम के दौरान आंखों के व्यायाम
आंखों की मांसपेशियों को मजबूत और आराम देने के लिए कुछ व्यायाम करें:
- आंखों को गोल घुमाना – ऊपर, नीचे, दाएं और बाएं घुमाएँ।
- पलकें बंद कर के दबाव डालना – पलकें बंद करें और 5 सेकंड के लिए हल्का दबाव डालें।
- फोकस बदलना – किसी नजदीकी चीज़ को देखें और फिर दूर की चीज़ को।
- पामिंग (Palming) – हथेलियों से आंखों को ढक कर 1–2 मिनट आराम दें।
ये छोटे-छोटे व्यायाम आंखों को थकान से बचाते हैं और दृष्टि को बेहतर बनाते हैं।
नींद और आंखों का स्वास्थ्य
अच्छी नींद आंखों के लिए बहुत जरूरी है।
- नींद की कमी से आंखें लाल और सूखी हो जाती हैं।
- सोते समय इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का इस्तेमाल न करें।
- रोजाना 7–8 घंटे की नींद सुनिश्चित करें।
अच्छी नींद आंखों के लिए जरूरी पोषण और हाइड्रेशन के साथ मिलकर दृष्टि को मजबूत बनाती है।
कब डॉक्टर से मिलें
यदि आप निम्न लक्षण महसूस कर रहे हैं, तो तुरंत आंखों के विशेषज्ञ से संपर्क करें:
- लगातार धुंधला दिखाई देना
- आंखों में जलन या लालिमा
- बार-बार सिरदर्द
- रात में दृष्टि कमजोर होना
- आंखों में दर्द या सूजन
जयपुर में आप Chirayu Hospital के अनुभवी डॉक्टरों से मिलकर समय पर इलाज कर सकते हैं।
निष्कर्ष
स्क्रीन टाइम आज के समय में अनिवार्य है, लेकिन इसकी वजह से आंखों पर पड़ने वाले दबाव को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
- 20-20-20 नियम, सही रोशनी और दूरी, नियमित ब्रेक और सही खान-पान से आंखों की सुरक्षा संभव है।
- बच्चों और वयस्क दोनों को नियमित आंखों की जांच करानी चाहिए।
- समय पर डॉक्टर की सलाह आंखों की लंबी उम्र और स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है।
आपकी आंखें आपकी सबसे कीमती संपत्ति हैं। स्क्रीन टाइम को नियंत्रित करके, सही पोषण अपनाकर और नियमित जांच कराकर आप अपनी आंखों को स्वस्थ और मजबूत रख सकते हैं।