ईसीजी, ईको और TMT टेस्ट में क्या फर्क है? कौन सा कब करवाना चाहिए?

ECG, ECHO, and TMT test difference explained

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दिल हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, जो दिन-रात बिना रुके काम करता है। लेकिन आज के तनावपूर्ण जीवन, अनियमित खानपान और बढ़ते प्रदूषण के कारण हृदय रोग के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में समय-समय पर हार्ट की जांच करवाना बेहद जरूरी है।

जब भी किसी को सीने में दर्द, धड़कन बढ़ना, सांस फूलना, या थकान जैसी समस्या होती है, तो डॉक्टर अक्सर तीन मुख्य जांचें सुझाते हैं — ईसीजी (ECG), ईको (Echocardiography) और TMT (Treadmill Test)।

कई लोगों को इन तीनों टेस्टों के नाम तो पता होते हैं, लेकिन इनके बीच का फर्क समझ में नहीं आता। इस ब्लॉग में हम सरल भाषा में समझेंगे कि ईसीजी, ईको और TMT टेस्ट क्या हैं, इनका क्या उद्देश्य है और कौन-सा टेस्ट कब करवाना चाहिए।

 

 ईसीजी (ECG) क्या है?

ईसीजी का पूरा नाम है Electrocardiogram। यह सबसे सामान्य और बुनियादी हार्ट टेस्ट है, जो दिल की विद्युत गतिविधि को रिकॉर्ड करता है।

 

यह कैसे किया जाता है?

  • मरीज को बेड पर लेटाया जाता है।
  • शरीर के अलग-अलग हिस्सों (हाथ, पैर और सीने) पर छोटे इलेक्ट्रोड लगाए जाते हैं।
  • ये इलेक्ट्रोड दिल से आने वाले विद्युत संकेतों को मशीन में रिकॉर्ड करते हैं।

 

यह टेस्ट क्या बताता है?

ईसीजी से डॉक्टर को दिल की धड़कन के पैटर्न के बारे में पता चलता है।
इससे निम्न बातें जानी जा सकती हैं:

  • हार्टबीट नियमित है या नहीं (Arrhythmia)
  • दिल की मांसपेशियों में ऑक्सीजन की कमी तो नहीं
  • हार्ट अटैक हुआ है या होने की संभावना है
  • दवाओं का दिल पर क्या असर हो रहा है

 

कब करवाना चाहिए?

  • सीने में अचानक दर्द या जलन हो
  • दिल की धड़कन बहुत तेज़ या बहुत धीमी लगे
  • सांस फूलना या थकान महसूस हो
  • ब्लड प्रेशर बहुत अधिक या कम हो
  • डॉक्टर हार्ट से जुड़ी बीमारी का शक करे

 

यह एक तेज़, सस्ता और बिना दर्द वाला टेस्ट है जो कुछ ही मिनटों में पूरा हो जाता है।

 

 ईको (Echocardiography) क्या है?

ईको एक अल्ट्रासाउंड आधारित टेस्ट है, जिसमें दिल की संरचना और कार्यप्रणाली को देखा जाता है।
इसे हार्ट का सोनोग्राफी टेस्ट भी कहा जा सकता है।

 

यह कैसे किया जाता है?

  • मरीज को लेटाकर उसके सीने पर जेल लगाया जाता है।
  • एक छोटा सा उपकरण दिल के पास घुमाया जाता है।
  • यह उपकरण अल्ट्रासाउंड तरंगें भेजता है, जो दिल से टकराकर वापस आती हैं और स्क्रीन पर उसकी वास्तविक तस्वीर दिखाती हैं।

 

यह टेस्ट क्या बताता है?

ईको से डॉक्टर को यह समझने में मदद मिलती है कि दिल कैसे काम कर रहा है —

  • दिल की दीवारें और वाल्व सही से खुल-बंद हो रहे हैं या नहीं
  • दिल में रक्त प्रवाह सामान्य है या नहीं
  • दिल के किसी हिस्से में कमजोरी या सूजन तो नहीं
  • जन्मजात हृदय दोष का पता चलता है

 

कब करवाना चाहिए?

  • अगर ईसीजी में कोई गड़बड़ी दिखे
  • हार्ट वाल्व की बीमारी का शक हो
  • हृदय की पंपिंग क्षमता जांचनी हो
  • सांस फूलना, सूजन या कमजोरी महसूस हो

ईको टेस्ट से डॉक्टर को दिल की संरचना और कार्यप्रणाली दोनों की जानकारी मिलती है, जो इलाज तय करने में बहुत मददगार होती है।

 

 TMT (ट्रेडमिल टेस्ट ) क्या है?

TMT का मतलब है ट्रेडमिल टेस्ट या तनाव परीक्षण।यह टेस्ट इस बात की जांच करता है कि व्यायाम या तनाव के दौरान दिल कैसे काम करता है।

 

यह कैसे किया जाता है?

  • मरीज को ECG मशीन से जोड़ा जाता है।
  • फिर उसे ट्रेडमिल (चलने की मशीन) पर चलने के लिए कहा जाता है।
  • धीरे-धीरे मशीन की स्पीड और झुकाव बढ़ाया जाता है।
  • इस दौरान दिल की धड़कन, ECG पैटर्न, ब्लड प्रेशर और सांस की गति रिकॉर्ड की जाती है।

 

यह टेस्ट क्या बताता है?

TMT से यह पता चलता है कि व्यायाम के दौरान दिल को पर्याप्त ऑक्सीजन मिल रही है या नहीं।
इससे निम्न बातें समझी जा सकती हैं:

  • कोरोनरी आर्टरी में ब्लॉकेज है या नहीं
  • दिल पर तनाव पड़ने पर उसकी प्रतिक्रिया कैसी होती है
  • हार्ट अटैक की संभावना
  • दिल की कार्यक्षमता

 

कब करवाना चाहिए?

  • सीने में दर्द केवल चलने या मेहनत करने पर होता हो
  • ईसीजी सामान्य हो लेकिन हार्ट प्रॉब्लम का शक बना रहे
  • हृदय रोग की पारिवारिक इतिहास हो
  • एंजाइना या ब्लॉकेज की पुष्टि करनी हो

 

TMT टेस्ट आमतौर पर हार्ट ब्लॉकेज या हृदय की फिटनेस जांचने के लिए किया जाता है।

 

कौन सा टेस्ट कब करवाना चाहिए?

  • पहली जांच के रूप में: ईसीजी सबसे पहले करवाया जाता है क्योंकि यह बेसिक टेस्ट है और तुरंत जानकारी देता है।
  • अगर ईसीजी में गड़बड़ी दिखे: डॉक्टर ईको करवाने की सलाह देते हैं ताकि दिल की संरचना और वाल्व की स्थिति देखी जा सके।
  • अगर सीने में दर्द केवल मेहनत के समय हो: तब TMT करवाना जरूरी होता है ताकि ब्लॉकेज या तनाव की स्थिति का पता चल सके।

 

यानी, तीनों टेस्ट का उद्देश्य अलग-अलग है, लेकिन ये मिलकर दिल की सेहत की पूरी तस्वीर दिखाते हैं।

 

 

इन टेस्टों की मदद से कैसे बचाया जा सकता है दिल?

समय पर सही टेस्ट करवाने से:

  • हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।
  • दिल की समस्या का शुरुआती चरण में पता चल जाता है।
  • इलाज जल्दी शुरू किया जा सकता है, जिससे परिणाम बेहतर होते हैं।
  • मरीज अपने हृदय स्वास्थ्य पर ध्यान देना शुरू करता है।

याद रखें, रोकथाम इलाज से बेहतर है।

 

 

निष्कर्ष

ईसीजी, ईको और TMT — तीनों ही टेस्ट दिल की सेहत जानने के अलग-अलग तरीके हैं।
अगर आपको बार-बार सीने में दर्द, थकान या धड़कन में गड़बड़ी महसूस हो, तो इन्हें हल्के में न लें।
समय पर जांच करवाना न केवल आपकी हृदय सुरक्षा के लिए जरूरी है, बल्कि भविष्य में गंभीर जटिलताओं से बचा सकता है।

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आपका दिल मजबूत रहे — यही हमारी प्राथमिकता है ।