आजकल बदलती जीवनशैली और तनावपूर्ण दिनचर्या के कारण हृदय संबंधी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। ऐसे में एंजियोप्लास्टी एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रक्रिया बन गई है, जो कि ब्लॉक हुई धमनियों को खोलने के लिए की जाती है। यह लेख आपको बताएगा कि एंजियोप्लास्टी कब जरूरी होती है, इसकी प्रक्रिया क्या है, इसके फायदे क्या हैं और किस प्रकार की सावधानियां जरूरी होती हैं।
एंजियोप्लास्टी क्या है?
एंजियोप्लास्टी, जिसे मेडिकल भाषा में कोरोनरी एंजियोप्लास्टी कहा जाता है, एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें हृदय की ब्लॉक हुई धमनियों को खोला जाता है। जब किसी व्यक्ति की धमनियों में फैट या कोलेस्ट्रॉल जमा हो जाता है, तो रक्त प्रवाह रुक जाता है और दिल को पूरा ऑक्सीजन नहीं मिल पाता। इससे हार्ट अटैक या एनजाइना (सीने में दर्द) जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
इस प्रक्रिया में डॉक्टर एक पतली ट्यूब (कैथेटर) के जरिए ब्लॉक हिस्से तक पहुंचते हैं और वहां एक छोटा गुब्बारा फुलाकर धमनी को चौड़ा करते हैं। कभी-कभी वहां एक स्टेंट भी डाला जाता है, जिससे धमनी लंबे समय तक खुली रहे।
एंजियोप्लास्टी कैसे की जाती है?
- सबसे पहले मरीज को लोकल एनेस्थीसिया देकर सुन्न किया जाता है।
- फिर कलाई या जांघ की धमनियों में एक छोटा सा चीरा किया जाता है।
- एक पतली ट्यूब (कैथेटर) को वहां से हृदय की ब्लॉक धमनी तक पहुंचाया जाता है।
- ट्यूब के साथ लगे गुब्बारे को ब्लॉक वाली जगह पर फुलाया जाता है।
- यदि जरूरत हो तो एक स्टेंट लगाया जाता है जो धमनियों को फिर से ब्लॉक होने से बचाता है।
- पूरी प्रक्रिया आमतौर पर 30 मिनट से 1 घंटे तक में पूरी हो जाती है।
एंजियोप्लास्टी कब करानी चाहिए?
डॉक्टर आमतौर पर एंजियोप्लास्टी की सलाह तब देते हैं जब:
- मरीज को बार-बार सीने में दर्द होता है।
- सांस लेने में परेशानी और अत्यधिक थकावट महसूस होती है।
- दवाइयों और जीवनशैली में बदलाव से राहत नहीं मिल रही होती।
- हार्ट अटैक का खतरा बना रहता है।
- बायपास सर्जरी संभव नहीं होती या बहुत जोखिम भरी होती है।
यदि आपके रिपोर्ट्स में ब्लॉकेज 70% या उससे ज्यादा है और दवाओं से फर्क नहीं पड़ रहा, तो एंजियोप्लास्टी एक बेहतर विकल्प बन सकता है।
एंजियोप्लास्टी के फायदे
- तेज राहत: सीने के दर्द और सांस की तकलीफ से राहत मिलती है।
- रक्त प्रवाह सामान्य: दिल तक खून का प्रवाह सही होता है।
- रोजमर्रा की जिंदगी में वापसी: ओपन हार्ट सर्जरी की तुलना में जल्दी रिकवरी होती है।
- हार्ट अटैक से बचाव: समय पर की गई एंजियोप्लास्टी हार्ट अटैक से बचा सकती है।
- कम जोखिम: यह एक मिनिमली इनवेसिव प्रक्रिया है, यानी शरीर में ज्यादा कट-फट नहीं होती।
एंजियोप्लास्टी के बाद की सावधानियां
- आराम करें: 2-3 दिन का आराम जरूरी है।
- दवाइयों का नियमित सेवन: ब्लड थिनर और अन्य दवाइयों को समय पर लें।
- आहार में सुधार: कम फैट, कम नमक और हरी सब्जियों से भरपूर भोजन लें।
- हल्की-फुल्की एक्सरसाइज: डॉक्टर की सलाह से धीरे-धीरे वॉक या योग शुरू करें।
- फॉलो-अप: नियमित रूप से डॉक्टर से जांच कराते रहें।
केस स्टडी: जीवन की नई शुरुआत
मिसेज कविता शर्मा, 58 वर्ष, जयपुर की रहने वाली हैं। उन्हें पिछले कई हफ्तों से सीने में दर्द और थकावट की शिकायत थी। शुरू में उन्होंने इसे गैस की समस्या समझा, लेकिन जब तकलीफ बढ़ने लगी तो उन्होंने डॉक्टर से संपर्क किया।
जांच में पाया गया कि उनकी एक कोरोनरी धमनी में 85% ब्लॉकेज है। कार्डियोलॉजी डॉक्टर्स ने तुरंत एंजियोप्लास्टी की सलाह दी। प्रक्रिया सफल रही और स्टेंट डालकर ब्लॉकेज को खोला गया। अब मिसेज शर्मा बिल्कुल स्वस्थ हैं और अपने सामान्य जीवन में वापस लौट चुकी हैं।
उनके अनुसार, “एंजियोप्लास्टी ने मेरी जिंदगी बदल दी। मुझे लगता है जैसे किसी ने मेरी सांसें लौटा दी हों।”
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
Q1. एंजियोप्लास्टी के बाद क्या तुरंत छुट्टी मिलती है?
अधिकतर मरीज 1-2 दिन में छुट्टी पा लेते हैं, लेकिन यह मरीज की स्थिति पर निर्भर करता है।
Q2. क्या स्टेंट हमेशा जरूरी होता है?
नहीं, कुछ मामलों में केवल गुब्बारे से भी ब्लॉकेज खोला जा सकता है। लेकिन अधिकतर केस में स्टेंट जरूरी होता है।
Q3. क्या एंजियोप्लास्टी के बाद फिर से ब्लॉकेज हो सकता है?
हां, यदि जीवनशैली में सुधार नहीं किया गया तो दोबारा ब्लॉकेज हो सकता है।
Q4. क्या एंजियोप्लास्टी दर्दनाक होती है?
नहीं, क्योंकि प्रक्रिया लोकल एनेस्थीसिया में की जाती है, जिससे दर्द महसूस नहीं होता।
निष्कर्ष
हृदय रोगों की अनदेखी करना कभी भी सही फैसला नहीं हो सकता। यदि आपको बार-बार सीने में दर्द, थकावट या सांस लेने में परेशानी हो रही है, तो डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। समय पर एंजियोप्लास्टी कराकर आप अपने जीवन को सुरक्षित बना सकते हैं।
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